Ranjeetkrshukla
धर्मनिरपेक्षता आज एक नीच शब्द बन चुका है।लगता यह शब्द बोलकर हम पाप करते है।पुरा देश जब कट्टरपंथी जीत जाने के बाद भी वेवस दिखे तो लगता उनके अंदर शक्ती है ही नही ।
तब हमे धर्मनिपेक्षता के विचारधारो गर्व होता है।
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